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Saturday, February 8, 2025

History of Railway in India and North Railway

 


रेलवे की शुरूआत

16 अप्रैल, 1853 को बम्बई में आम अवकाश का दिया था । दोपहर होते ही छुट्टी मनाने वालों की भीड़ बोरीबंदर की ओर बढ़ने लगी थी, जहां गवर्नर के निजी बैंड के संगीत की धुनें सम्पूर्ण वातावरण में फैल चुकी थीं । साढ़े तीन बजे से ठीक पहले नगर की 400 विशिष्ट हस्तियां उस दिन के उत्सव के केन्द्र फॉकलेण्ड नामक स्टीम इंजन से जुड़े ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के 14 चमचमाते डिब्बों पर सवार हो चुकी थी ।
आधा घंटा पूरा होते ही फॉकलैंड के चालक ने वॉल्व खोल दिए और उसके फायर मैन ने जोर-शोर से आग में कोयला झोंकना आरम्भ कर दिया । फॉकलैंड ने एक लम्बी सांस ली और आसपास के लोग भाप के बादलों से ढक गए। चालक के सीटी के तार के करीब पहुंचते ही लोग खुशी से झूम उठे और उस उमस भरी दोपहरी में 21 बंदूकों की सलामी गूंज उठी । एक आखिरी सीटी और फुफकार और भारत की पहली रेलगाड़ी ठाणे के 35 किलोमीटर के सफर पर गरजती-दहाड़ती चल पड़ी ।
लगभग 6 साल बाद 3 मार्च, 1859 को उत्तर भारत की पहली रेल लाइन इलाहाबाद-कानपुर के बीच बिछाई गई । इसके बाद 1889  में दिल्ली-अम्बाला-कालका के बीच रेल लाइन बिछायी गई ।

इन छोटी शुरूआतों के बाद, भारतीय रेल, एक प्रबन्धन के अन्तर्गत, विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है । प्रशासनिक तौर पर भारतीय रेल को 16 क्षेत्रों में विभाजित किया है और प्रत्येक क्षेत्र का मुखिया एक महाप्रबन्धक होता है । इन क्षेत्रों को मंडलों में उप विभाजित कर प्रत्येक को एक-एक मंडल रेल प्रबन्धक के अधीन रखा गया हे ।


उत्तर रेलवे,



उत्तर रेलवे, जो 1952  में अपने वर्तमान स्वरूप में आया, सबसे बड़ा रेलवे क्षेत्र है उत्तर रेलवे नए प्रयोगों और आधुनिकीकरण के मामलों में सदैव अग्रणी रहा है । कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली की शुरूआत सबसे पहले उत्तर रेलवे पर ही 19 फरवरी 1989 को हुई । अपने ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए हमने स्टेशनों पर इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पाँस सिस्टम, स्टेशनों पर इलैक्ट्रॉनिक डिस्पले सिस्टम, रिकॉर्डेड कोच गाइडेंस डिस्प्ले सिस्टम, आरक्षण उपलब्धता स्थिति, इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले, सेल्फ डायल टेलीफोन रिजर्वेशन इंक्वायरी बूथ, ऑटोमैटिक टैलर मशीनें और मनी चैंजिंग सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं ।

बुकिंग खिडकियों पर लम्बी-लम्बी कतारों में कमी लाने के लिए बड़े एवं महत्वपूर्ण स्टेशनों पर स्वमुद्रित टिकट मशीनें लगाई गई हैं, जो अनारक्षित यात्रा के लिए तथा प्लेटफार्म हेतु टिकटें जारी करती हैं । अनारक्षित रेल यात्रियों को सुविधा देने के लिए अनारक्षित टिकट प्रणाली का प्रारम्भ किया गया है जिसके माध्यम से अनारक्षित टिकटें यात्रा से 3 दिन पूर्व इन बुकिंग काउण्टरों से ली जा सकती है।

उत्तर रेलवे ने तुगलकाबाद एवं कानपुर लोको शैडों में भारत के पहले डीजल और इलैक्ट्रिक लोमोटिव सिम्यूलेटरों की शुरूआत की है । इससे तेज गति से गाड़ियों के परिचालन के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध करवाकर नए चालकों के

कौशल को बढ़ाने में सहायता मिली है । उत्तर रेलवे के सभी कारखाने डीजल शैड और एअर ब्रेक, माल यातायाता डिपो आई0एस0ओ0-9000 प्रमाणित हैं । भारतीय रेलवे पर आई0एस0ओ0-14000 प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाला तुगलकाबाद डीजल शैड कारखाना है । अन्य डीजल शैड और कारखाने भी आई0एस0ओ0-14000 प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं । अपने तीन कारखानों के लिए सबसे पहले आई0एस0ओ0-9002 प्रमाणन प्राप्त करने वाला क्षेत्र उत्तर रेलवे ही है । 

अपने परिचालन में दक्षता और संरक्षा को बढ़ाने के लिए आधुनिक सिगनल प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । रूट-रिटे इण्टरलॉकिंग प्रणाली में आधारभूत इंटरलॉकिंग सिस्टम के विकास में एक ऐतिहासिक भूमिका अदा की है । उत्तर रेलवे पर 40 रूट-रिले इंटरलॉकिंग प्रणालियां काम कर रही हैं जिनमें से दिल्ली

 

अपने परिचालन में दक्षता और संरक्षा को बढ़ाने के लिए आधुनिक सिगनल प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । रूट-रिटे इण्टरलॉकिंग प्रणाली में आधारभूत इंटरलॉकिंग सिस्टम के विकास में एक ऐतिहासिक भूमिका अदा की है । उत्तर रेलवे पर 40 रूट-रिले इंटरलॉकिंग प्रणालियां काम कर रही हैं जिनमें से दिल्ली मेन भी शामिल है । दिल्ली मेन की इंटरलॉकिंग प्रणाली को विश्व की सबसे बड़ी इंटरलॉकिंग प्रणाली के रूप में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस ने प्रमाणित किया है ।




Source : उत्तर रेलवे / भारतीय रेल पोर्टल 

Duty list of Officers & Key Supervisors in Ambala Division

  Sr.DME/C&W/UMB   1.  Sr.DME/C&W/UMB is overall incharge of Mechanical/C&W/UMB. The department comprises of coaching depots at ...